ब्रिस्बेन, 2021
2021 में गाबा टेस्ट भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे यादगार मैचों में से एक बन गया। गाबा, जिसे ऑस्ट्रेलिया का “किला” माना जाता था, जहां ऑस्ट्रेलिया 32 वर्षों से नहीं हारा था, वहां भारत ने अप्रत्याशित तरीके से जीत दर्ज की। अंतिम दिन, भारत ने 328 रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया, जिसमें ऋषभ पंत ने नाबाद 89 रनों की पारी खेलकर सीरीज जीत को सील कर दिया और इस ऐतिहासिक मैदान पर ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
कोलकाता, 2001
2001 का ईडन गार्डन्स टेस्ट भारतीय क्रिकेट में एक मील का पत्थर साबित हुआ। श्रृंखला में 0-1 से पिछड़ने के बाद, भारत ने पहली पारी में केवल 171 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त हासिल हो गई। लेकिन फॉलो-ऑन करने के बाद, वीवीएस लक्ष्मण (281) और राहुल द्रविड़ (180) की 376 रनों की साझेदारी ने मैच का रुख बदल दिया। हरभजन सिंह की शानदार गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 212 रनों पर समेट दिया और भारत ने 171 रनों से जीत हासिल की। इस जीत ने भारत को चेन्नई में तीसरे टेस्ट में जीतकर श्रृंखला जीतने का रास्ता दिखाया।
एडिलेड, 2003
2003 का एडिलेड टेस्ट भारत के विदेशी दौरों में एक शानदार उपलब्धि के रूप में याद किया जाता है। एक मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने, भारत शुरुआत में संघर्ष कर रहा था, जब ऑस्ट्रेलिया ने पहले पारी में रिकी पोंटिंग के 242 रनों की मदद से 556 रन बनाए। भारत की पारी की शुरुआत भी खराब रही और वह 85 पर 4 विकेट खो चुका था, लेकिन राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने 303 रनों की साझेदारी से मैच का रुख बदल दिया। द्रविड़ के 233 और लक्ष्मण के 148 रनों की बदौलत भारत ऑस्ट्रेलिया के स्कोर के करीब पहुंच गया।
दूसरी पारी में अजित अगरकर ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 41 रन देकर 6 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया को 196 रनों पर रोक दिया। द्रविड़ ने नाबाद 72 रन बनाकर भारत को चार विकेट से जीत दिलाई और यह जीत उनके एक शानदार चौके के साथ आई।
मोहाली, 2010
2010 में मोहाली में भारत मुश्किल में था, जब वह 216 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 124 रन पर 8 विकेट खो चुका था। इस समय इशांत शर्मा ने संघर्षपूर्ण पारी खेलते हुए महत्वपूर्ण साझेदारी की, हालांकि भारत को जीत के लिए अभी भी 11 रन चाहिए थे। वीवीएस लक्ष्मण, जो चोटिल थे, अंत तक क्रीज पर डटे रहे, और प्रज्ञान ओझा, जो आमतौर पर एक गेंदबाज माने जाते हैं, ने नाटकीय तरीके से टीम को एक विकेट से जीत दिलाई। लक्ष्मण की दृढ़ता और टीम की जुझारू प्रवृत्ति ने इस मुकाबले को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के सबसे रोमांचक मैचों में से एक बना दिया।
पर्थ, 2008
2008 का पर्थ टेस्ट भारत के लिए एक और ऐतिहासिक जीत साबित हुआ। पहले दो मैच हारने के बाद, भारत पर्थ में जबरदस्त दबाव के बीच मैदान में उतरा। वाका की उछालभरी पिच पर, जहां ऑस्ट्रेलिया एक दशक से नहीं हारा था, भारत ने चार दिनों में मैच जीतकर श्रृंखला को 2-1 कर दिया। यह जीत भारत के लिए खासतौर पर संतोषजनक थी, क्योंकि इससे पहले सिडनी टेस्ट में कई विवाद हुए थे, जिसमें “मंकी गेट” का मामला भी शामिल था।